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Showing posts from March, 2018

इश्क

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कही खामोशी सी छाई है लबों पर कही तन्हाई एक धुंआ सी है तुम बात करती हो मुझे समझने का एक बात बताओ क्या तुम्हे इश्क कभी हुआ भी है।

My lines

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हम अनजान राह के बाशिंदे है यहाँ हर एक चीज गुम रहती है ना कुछ खोने का गम रहता है ना कुछ पाने की चाह रहती है

चंद शब्द

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Two liner

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कुछ इस कदर कायनात लगी जलाने उन्हें.. की आज खुद जल उठा चिराग उनकी रोशनी देखकर

Two liner

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कुछ इस तरह से हम रात को सुला देते है की नीद भी हमसे थककर चांदनी को छुपा देती है लोगो को इंतज़ार तो सूरज का होता है पर हम हर रोज़ सितारो की याद में पूरे दिन को बिता देते है

FRIENDSHIP

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ना शब्द, ना बात और ना ही मुलाकात, तुम सब समझ लेते हो , सुनकर बस मेरी एक आवाज़। जानते हो मेरी हर एक बात, फिर भी कभी कुछ जताते नही, और भले हो कितनी भी मुश्किल हालात, कभी साथ छोड़ कर जाते नही। डरता हूँ रोने से भी तुम्हारे सामने , या सच कहूँ , तो आंसू ही नही आते। कही खौफ होता है मज़ाक बनने का, पर कही तेरा प्यार भी आ जाता है मनाने । लड़ता हु हर वक्त, और हर वक्त तेरा मज़ाक भी बनाता हूँ। पर बोल दे कोई दूसरा तुझे, तो तेरे पे अपनी जान भी लुटाता हूं। हर फिक्र हर परेशानी में मज़ाक ढूंढ मुझे हँसना तूने सिखाया | ऐ दोस्त जिन्दगी तो चल रही थी अपनी तरह से पर मुझे जीना तूने सिखाया | https://youtu.be/TQtxcVsSgQw Google translate No words, no talk nor meeting,  you all understand,  listening to just one voice of mine  I know every single thing,  but never say anything,  and if so many difficult circumstances  do not leave anytime  ,  do not leave it together.  I am afraid I can not even  tear  you in front of you,  or tell the truth....

Shayari

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मैं

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समझ मे आ जाऊं मैं वो आसान सी कहानी नही, एक प्राचीन सी पहेली हुँ मैं कोई बिगड़ी सी जवानी नही, हु भले इस वक्त एक सवाल सा सुलझ तो जाऊंगा ही लूंगा थोड़ा वक्त भले ही पर सम्भल तो जाऊंगा ...

अधूरी बात

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कही राह भूला, कही तुम भूलीं, पर अक्स हमेशा याद रहा। मैं खड़ा रहा, वो खड़ी रही, पर वक्त हमेशा चला रहा । तुम ना पूछों उस बोझ का दर्द, मैं जिसमे अक्सर दबा रहा । कही वक्त खफा, कही तुम खामो...

KAHI EK HOLI MERI BHI HO

kahi ek holi meri bhi ho.. un rango me ek rang meri bhi ho,  yun to yha har ek ka apana rang hai , pr unhi sb rango ko milaakar  bane jo ek rangoli, usme ek rang meri bhi ho, kahi ek holi meri bhi ho.. har ummid ke bisaad pe gum, jo anajani si chah meri ho, kash ki wo berang se spane,  jinpe jeene ki chah v meri ho , us spne me dher sara na sahi pr kuchh rang khusiyon ki bhi ho. kahi ek holi meri bhi ho..