चलती रही हवाएं , अब इन्हें रोक पाए कौन भला भरी थी जो गुरुर दिल मे, अब इन्हें अपनाए कौन भला मिलते हैे हर राह पर स्वार्थी, पर इन्हें समझाए कौन भला अहमियत होती क्या है रिश्तों की, अ...
ये बेज़ार सी रातें कही एक अनजान सी चुप्पी साधे बिन बोले बहुत कुछ कह जाती है, कही अंधेरे में छिपाए वो ढेर सारी यादें पर अस्को से अपनी वो हर बात कह जाती है बहुत कुछ छिपा है पर पहरा ...
Comments
Post a Comment