अज़ीब मामला है ज़िंदगी का
सामने है सब ,पर कुछ बताती नही है
मिलती तो है हर रोज़ हमसे
पर राज अपने दिल के दिखाती नही है
लेकर हज़ारो शिकायत लबो पे
लेकिन कुछ हमसे कह पाती नही है
कहते है कि नज़रे सब कुछ बयाँ कर देती है
पर हमारी बदनसीबी है कि
वो हमसे नज़रे मिलाती नही है।
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