अज़ीब मामला है ज़िंदगी का सामने है सब ,पर कुछ बताती नही है मिलती तो है हर रोज़ हमसे पर राज अपने दिल के दिखाती नही है लेकर हज़ारो शिकायत लबो पे लेकिन कुछ हमसे कह पाती नही है कहते है कि नज़रे सब कुछ बयाँ कर देती है पर हमारी बदनसीबी है कि वो हमसे नज़रे मिलाती नही है।
चलती रही हवाएं , अब इन्हें रोक पाए कौन भला भरी थी जो गुरुर दिल मे, अब इन्हें अपनाए कौन भला मिलते हैे हर राह पर स्वार्थी, पर इन्हें समझाए कौन भला अहमियत होती क्या है रिश्तों की, अ...