तू खुश रहे या न रहे मुस्कुराता चल सदा ना कोई हो गर साथ तेरे तू आंसुओ को ना बहा मंज़िले अनेक जग में रास्ता तू एक चुन है अकेली राहो पर बढ़ता चला चल तू सदा तू खुश रहे या न रहे मुस्कु...
ये बेज़ार सी रातें कही एक अनजान सी चुप्पी साधे बिन बोले बहुत कुछ कह जाती है, कही अंधेरे में छिपाए वो ढेर सारी यादें पर अस्को से अपनी वो हर बात कह जाती है बहुत कुछ छिपा है पर पहरा ...
यू तन्हा खयालो में पूरी रात निकल गयी बाकी रह गए जवाब और हर सवाल निकल गयी जिस चांदनी की चाहत में समेटा पूरा दिन और आखिर में वक्त के साथ पूरी कायनात निकल गयी
वो हाल पूछते हैं दिल का मैं गुमसुम सा मुस्कुराया करता हूँ, वो बूंद जो छुपी है तूफान को समेटे मैं उसे चंचल सी लहरों में छिपाया करता हूँ, हाल-ए-दिल कुछ ऐसा है कि क्या कहूँ काफी दि...