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A deep thought shayari

किसी मोड़ पे आकर मैं चुप हुँ,

कही दूर खड़ी तुम
कुछ कह रही थी

कमी रही हम दोनों की

तुम कह रही #थी
और मैं चुप रहा #हूँ

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