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FORGOTTEN SLEEP

कायनात में ज़िन्दगी की बाते कही गुम हैं

हम चल तो रहे हैं,पर राहें कही गुम हैं,

अक्सर बड़े सुकून से सपने देखा करता था रातों में
पर
ना जाने आज कल वो नींदे कहाँ गुम हैं,

😴😴

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