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गुम सुम रहता ,कुछ न कहता
राज वो सारे दिल मे रखता
अब हँसना उसने छोड़ दिया
वो खामोशी में भी बोल दिया
ख्याल वो सबके मन की रखता
सब कुछ सहता, चुप सा रहता
सबसे आशा छोड़ दिया
वो खामोशी में भी बोल दिया
हर दिन सबसे घुलता मिलता
बात वो सबके दिल का करता
पर खुद की सुनना भूल गया
वो ख़ामोशी में भी बोल दिया
सबके मन की झट से सुनता
औरो से भी आशा रखता
पर अब उसका मन भी टूट गया
वो खामोशी में ही बोल गया
कोई उस लड़के को ढूंढो
जो खामोशी में ही खो गया
जिस दुनिया की सुनता रहता
वो दुनिया कब की छोड़ गया
वो खामोशी में ही खो गया
Nice
ReplyDeleteThnks
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